Thursday, June 18, 2009

यह खत नही है ये दिल है मेरा


ये खत नही है दिल है मेरा

बिन खोले ही पढ़ लेना

ये खत नही है दिल है मेरा

बिन खोले ही पढ़ लेना

इस दिल की आरजू ऐ है कितनी

हो सके तो पुरी कर देना

ये खत नही है दिल है मेरा

बिन खोले ही पढ़ लेना

ये वक्त नही है अश्क बहाने का

मै आऊं तो बाहों में रो लेना

ये खत नही है दिल है मेरा

बिन खोले ही पढ़ लेना

खफा मत होना तुम कभी

हो शिकवा अगर तो कह देना

ये खत नही दिल है मेरा

बिन खोले ही पढ़ लेना

चंद लम्हे है जुदाई के

सह रहा हु मै तुम भी सह लेना

ये खत नही दिल है मेरा

बिन खोले ही पढ़ लेना

अब यादो का सहारा नही है काफी

समझ रहा हु मै तुम भी समझ लेना

ये खत नही है दिल है मेरा

बिन खोले ही पढ़ लेना

गिले होंगे मुझसे बहोत तुम्हे

मै आजाउ तो तुम जी भरकर लड़ लेना

ये खत नही है दिल है मेरा

बिन खोले ही पढ़ लेना

जान चुके हो मेरा अहसास

तो अपना भी हाल बता देना

ये खत नही है दिल है मेरा

बिन खोले ही पढ़ लेना

No comments: