Thursday, May 14, 2009

जानते है , पर जारी है






एक दिन हमने यातायात जाम पाया
दिमाग पर जोर दिया तब समझ में आया
हमने एक से पूछा भाई क्या बात है ?
उसने अकड़कर जबाब दिया मालुम नही बारात है
मैंने अपने चश्मे को आँखों के पास किया
पूछने पर अपनी भूल का अहसास किया
बारात जैसे जैसे आगे बढ़ा रही थी
दुल्हे की घोडी कम बारात ज्यादा अकड़ रही थी
बीच बीच में सीटी और फूहड़ गानों का शोर है
हमे मालुम हो गया यह शादियों का दौर है
बारातियों को नशा ज्यादा ही चढ़ रहा था
वधु पक्ष घबराए थे क्योंकी दूल्हा हर बात पर अड़ रहा था
जैसे ही लग्न की बारी आई
दुल्हे ने मोटर साइकिल की मांग दोहराई
दुल्हन के मामा ने कहा हम ये मांग मानते है
मगर आप ये बताये की क्या आप मोटर साइकिल चलाना जानते है
दूल्हा अब थोड़ा नरम हुआ
उसे भी इंसान होने का भ्रम हुआ
जब बिछुड़ने का वक्त आया
दुल्हन की आँखों में एक भी आँसू नही आया
मगर क्या करे मौका था रस्म निभाने का
ज्यादा रोने से डर है मेकअप बिगड़ जाने का
श्रीमान श्रीमती के नैन हो रहे थे गीले
क्योकि अपनी प्रिय बेटी के हाथ हो चुके थे पीले
उन्होंने हर फर्ज निभाए थे
दहेज़ के बाजार से महँगा दामाद लाये थे
ख़ुद दुसरे दिन शान से कह रहे थे दहेज़ एक बिमारी है
सब जानते है मगर आज तक जारी है

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